जानिए उत्तर प्रदेश के 10 सबसे बड़े और प्रसिद्ध मेले के बारे में 

चित्रकूट मेला 

यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है और खासतौर पर भगवान राम की तपस्या स्थली चित्रकूट में आयोजित होता है।

झूला मेला (अयोध्या)

यह मेला भगवान राम और माता सीता की झूलन लीला से जुड़ा है और सावन के महीने में आयोजित होता है।

रामनवमी मेला (अयोध्या)

यह मेला भगवान राम के जन्मदिन पर आयोजित होता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं।

लक्ष्मी मेला (झांसी

यह मेला दीपावली के बाद झांसी में आयोजित होता है और इसका ऐतिहासिक महत्व है, साथ ही यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।

कुंभ मेला (प्रयागराज)

यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जो हर 12 साल में प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है।

देवा मेला (बाराबंकी)

यह मेला सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की याद में आयोजित होता है और हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

अर्ध कुंभ मेला (प्रयागराज)

यह कुंभ मेला का छोटा संस्करण है, जो हर 6 साल में प्रयागराज में आयोजित होता है।

बटेश्वर मेला (आगरा)

यह मेला यमुना नदी के किनारे 100 से अधिक शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है और यहां पशुओं का व्यापार भी होता है।

नौचंदी मेला (मेरठ)

यह मेला हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है और धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

गोरखपुर मेला (गोरखपुर) 

यह मेला गोरखनाथ मंदिर के पास आयोजित होता है और धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है।